प्रोजेक्ट

  • Land is not a Home!

    10 years of Sawda Ghevra Delhi Listening Group invite you to Land is not a Home: 10 years of Sawda Ghevra The exhibition will be open 12-6pm with a listening tour of Sawda Ghevra at 2pm followed by tea and refreshements. Built brick by brick from an empty piece of land over the last 10…

  • सुनने वाला काम पर है

    ये सुनने के व्यवहारों के बारे में एक मजेदार मगर संजीदा सोच-विचार का तरीका है। इसके जरिये हम अपने काम को सामने लाते हैं ताकि औरों को भी हमारे साथ आने और ये समझने-बूझने का मौक़ा मिले कि रोज़मर्रा के अलग-अलग कामों में सुनने के अलग-अलग हुनर की कितनी अहमियत होती है।

  • रिक्शोर

    ‘रिक्शा’ और ‘शोर’ के बारे में एक प्रयोग रिक्शोर एक चलता-फिरता ढांचा है जो लोकेलटी आधारित सुनने-सुनाने को लेकर मौजूदा नेटवर्कों में जाने की कोशिश करता है। यह एक ऐसा घुमंतू ढांचा है जिसको किसी भी आम रिक्शे पर तैनात करके तो चलाया ही जा सकता है। इसके आलावा इसे कार या बस में रखकर…

  • जरुरत है सुनने वाले की

    ज़रुरत है एक सुनने वाले वालंटियर की जो कहे कम, सुने ज्यादा जो टोके कम, पूछे ज़्यादा भूले कम, याद रखे ज़्यादा बोले कम, लिखे ज़्यादा जो वहाँ सुने जहां आवाज़ नहीं जो देखने की चीज़ को भी सुने जो कान से महसूस करे जो बस सुने बगैर यह देखे कि कौन बोल रहा है…

  • शहर और आवाज

    शहर की आवाजों पर होने वाली चर्चाएं बार-बार हमें शोर के सवाल पर ले आती हैं। ऐसे मौकों पर हमंे ये बूझने का कम ही मौका मिल पाता है कि शोर किसे कहते हैं, और कि ये बात हमारे निजी तजुर्बों और अपने इर्द-गिर्द के साथ हमारे संबंधों के साथ गहरे तौर पर जुड़ी होती…